गाजीपुर। अभी विधानसभा चुनाव का बिगुल भी नहीं बजा है, लेकिन कई चुनावो में मात खाने वाले बुझते चिरागो के अलावा दगे कारतूस भी अपनी चुनावी फील्ड बनाने में जुट गए हैं। चर्चाओं की माने तो ऐसे लोग चट्टी चौराहा और जिले के लगभग सभी गांव में लोगों से मिलने का कार्य शुरू कर दिए हैं, और अपने शुभचिंतकों को यह विश्वास धारा रहे हैं कि आने वाले विधानसभा चुनाव में एक बार फिर अपनी किस्मत आजमाना है। लेकिन वह अभी तक किसी दल या पार्टी से अपने आप को दूर रखने का ही मन बनाए है । लेकिन जानकार लोग बताते हैं कि ऐसे बहरूपिया किसी के हितैषी नहीं हो सकते हैं, जो चुनाव के समय ही लोगों के हमदर्द बनते हैं और अपना काम बनाने के लिए किसी भी पार्टी का दामन थाम लेते हैं। यह इतिहास गवाह है कि ऐसे ऐसे कार्य जिन जनप्रतिनिधियों ने किया है वह खुद जान रहे हैं कि आज उनकी छवि क्या हो चुकी है। इसके बावजूद भी लोगों के बीच जाकर अपने आप को साफ सुथरा छवि के होने का दावा कर एक बार फिर चुनावी मैदान में ताल ठोकने का मन बना रहे हैं। ऐसे जनपद में कई चेहरे हैं जो किसी एक के विश्वास पर खरा नहीं उतरे शायद यही वजह है कि अब उन्हें जनता भी धीरे-धीरे ना करते हुए भूल चुकी है। जिसे जानते हुए भी अपने आप को जनता का हमदर्द कहने वाले लोग खुद शर्मिंदगी महसूस करते हुए लोगों के बीच जाकर एक बार फिर उनका दिल जीतने के लिए हर हाथ कांड अपना रहे हैं। लेकिन यह वह भूल गए हैं की सन 65 वाली जनता नहीं है अब यह 2027 वाली जानता है जो काफी चालक और समझदार हो चुकी है, की किसके मंसूबों पर कब पानी फेरना है आज की जनता भली-भांति जानती है। और मौका आने पर वह जवाब भी कई लोगों को दे चुकी है आगे आप खुद समझदार हैं और समझ सकते हैं की ऐसे कौन लोग हैं। जिनके बारे मे जनता भी भली भाती जान चुकी है। अगले अंक मे नाम का भी खुलासा हो जाएगा ताकी सभी लोग छलियो से सावधान रहे।