गाजीपुर।बोधगया बिहार के बौद्ध मंदिर पर अवैध रूप से कब्जे को लेकर गाजीपुर में बौद्ध अनुयायियों ने जिला अधिकारी के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौपा। ज्ञापन में कहा गया कि 1949 द्वारा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 13,14, 15,25,26, 29,49 और 51 ए का उल्लंघन करके बौद्ध विरासत को बौधों से छीना जा रहा है जिसको बौद्ध अनुयाई बर्दाश्त नहीं करेंगे। जल्द से जल्द सरकार इसमें हस्ताक्षर करते हुए मंदिर का पूरा प्रबंध बौद्ध प्रतिनिधियों को सौपे। कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे शील वचन भन्ते ने कहा कि भारतीय संविधान का उल्लंघन करते हुए बौद्ध विरासत पर डकैती करने का प्रयास किया जा रहा है।महात्मा गौतम बुद्ध यही ज्ञान प्राप्त किए थे और अशोक महान ने इस मंदिर को बनवाया था परंतु अब यहां पर कथा कथित अराजक तत्वों का कब्जा हो गया है। हम सभी लोगों की मांग है कि यथाशीघ्र पूर्ण रूप से बौद्ध प्रतिनिधियों को बौद्ध विहार की मंदिर को सौंपना चाहिए। इस मौके पर जनक कुशवाहा ने कहा कि 23 मई 1953 को तत्कालीन उपराष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने बोधगया के मंदिर पर नियंत्रण कर हस्तांतरित कराया था। जिसे मूल रूप से लागू करना चाहिए लेकिन कुछ लोग बुद्ध जी की विदेश में प्रशंसा तो करते हैं लेकिन अपने देश में उनका अनादर भी करते हैं।यह दोहरी राजनीति नहीं चलेगी और मंदिर का पूरा हक बौद्ध प्रतिनिधियों को मिलना चाहिए। कार्यक्रम में मुख्य रूप से अवधेश कुशवाहा प्रेम नाथ गुप्ता भंते वीरभद्र भंते बुद्ध प्रिया भंते सुनील कुमार सिंह डीपीएस कुशवाहा मनु कुशवाहा गणपत कुशवाहा रामदास गयासुद्दीन अंसारी देवेंद्र सिंह आदी लोग उपस्थित थे।
भारतीय संविधान का उल्लंघन कर बौद्ध विरासत पर डकैती करने का हो प्रयास शीलबचन भन्ते
