गाजीपुर /मोहम्मदाबाद: ग्राम पंचायत बरेजी दलित बस्ती में संत शिरोमणि रविदास जी की जयंती धूमधाम से मनाई गई कार्यक्रम में तमाम लोगों ने रविदास जी के कहानियों पर प्रकाश डाला कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पंचायती राज संगठन के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ जनक कुशवाहा ने कहा की आज संत शिरोमणि रविदास जी की जयंती है जिन्होंने आजीवन समाज सुधार करने का बीड़ा उठाया था आज भी संत रविदास के उपदेश समाज के कल्याण तथा उत्थान के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है उन्होंने अपने आचरण तथा व्यवहार में यह प्रमाणित कर दिया कि मनुष्य अपने जन्म तथा व्यवसाय के आधार पर महान नहीं होता है विचारों की श्रेष्ठ समाज के हित की भावना से प्रेरित कार्य के साथ साथ सद्भावना जैसे गुण ही मनुष्य को महान बनाने में सहायक होता है इन गुडों के कारण संत रविदास अपने समय के समाज में अत्यधिक सम्मान और उत्थान का प्रतीक माने जाते हैं इन्होंने दिल्ली सल्तनत के तत्कालीन शासक सिकंदर लोदी का विरोध कर उनके अत्याचार के खात्मे की आवाज उठाई थी एक बार की बात है जब ब्राह्मण समाज के लोगों ने तत्कालीन शासक से कान भरते हुए इन्हें पाखंडी बताने का प्रयास किया तो सम्राट ने एक परीक्षा के तहत ब्राह्मण और रविदास जी को कहा कि यदि अपने छुए हुए पत्थरों को गंगा में जो तैराएगा वही वास्तविक महान व्यक्ति कहलाएगा उस समय समाज में पूजा पाठ और सत्संग करना केवल ब्राह्मणों का कार्य था परंतु जब रविदास जी ने सत्संग करना शुरू किया और भीड़ इकट्ठी होनी शुरू हुई तो ब्राह्मणों ने यह शिकायत राजा से की थी राजा के आदेश अनुसार ब्राह्मण ने एक हल्की पत्थरों को लेकर गंगा में तैरने का प्रयास किया तथा दूसरा भारी पत्थर ब्राह्मणों ने रविदास जी को देकर कहा कि इसे तैराये रविदास ने उसे पत्थर को छू करके और अपने प्रभु का आराधना करते हुए पत्थर को पानी में डाल ब्राह्मणों का पत्थर डूब गया और संत रविदास जी का भारी पत्थर गंगा के पवित्र जल के ऊपर तैरने लगा यह देखकर पूरा समाज में एक उत्साह का संदेश गया और सम्राट ने संत रविदास जी से क्षमा मांगते हुए संत शिरोमणि की उपाधि दी तभी से संत रविदास जी को संत शिरोमणि की उपाधि से नवाजा गया इस तरह से संत रविदास जी गरीब तपके और अछूत वाले लोगों ने उन्हें अपने भगवान की तरफ पूजते हैं परंतु आज की चुनी हुई सरकार मणिपुर की तरह पूरे देश में माहौल बनाने का प्रयास कर रही है जिससे हमें सावधान रहने की आवश्यकता है आज उनके जन्मदिन पर हमें संकल्प लेना चाहिए कि उनके बताए हुए रास्ते पर चलकर के समाज को एक नई दिशा देने की आवश्यकता है इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से हृदय राम संतोष कुमार इब्राहिम अंसारी देवचंद कुमार परमानंद सहित तमाम लोग उपस्थित रहे